असल में मेढक वह प्राणी नहीं है जो स्थिति का सही सही आकलन नहीं कर पाता। सही आकलन न करने वाले हम हैं। जब हम यह कहानी सुनते हैं और, प्रथमदृष्ट्या, इसे सही मानते हैं; तब हम शायद ही इसपर कोई प्रश्न चिन्ह लगाते हैं!
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
असल में मेढक वह प्राणी नहीं है जो स्थिति का सही सही आकलन नहीं कर पाता। सही आकलन न करने वाले हम हैं। जब हम यह कहानी सुनते हैं और, प्रथमदृष्ट्या, इसे सही मानते हैं; तब हम शायद ही इसपर कोई प्रश्न चिन्ह लगाते हैं!