देवघर से तालझारी


सवेरे जल्दी निकलना बहुत फायदेमंद है भईया। अब गर्मी हो गयी है। दिन में सड़क तपने लगती है तो चलने में मुश्किल होती है। सवेरे सवेरे खूब चला जा रहा है। अब आगे यही करूंगा। सवेरे चल कर दिन में आराम और फिर शाम को चलना हुआ करेगा।

प्रेमसागर – मैहर दर्शन के साथ शक्तिपीठों की पदयात्रा प्रारम्भ


आज से यात्रा विधिवत प्रारम्भ कर दी है प्रेमसागर ने। मैहर से। अकेले। उनका कहना है कि सही यात्रा तो अकेले ही होती है भईया। अन्यथा लोगों के साथ चलने में मन भटकता है। प्रेमसागर ने एक लाठी ले रखी है। शक्तिपीठ यात्रा के अनुशासन से सिर और दाढ़ी घुटा रखा है। लाल वस्त्र पहने हुये हैं और बगल में एक नया स्लिंग बैग ले रखा है।

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