गुन्नीलाल जी के कथन से यह स्पष्ट हो जाता है कि भले ही वाटर स्पाउट बिरला ही होने वाला फिनॉमिना, हो; यह हमारे आसपास, गंगाजी में भी दिखाई दे सकता है!
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
गुन्नीलाल जी के कथन से यह स्पष्ट हो जाता है कि भले ही वाटर स्पाउट बिरला ही होने वाला फिनॉमिना, हो; यह हमारे आसपास, गंगाजी में भी दिखाई दे सकता है!