योगद्या शक्तिपीठ और नवद्वीप


उन्हें रात्रि गुजारने के लिये कोई स्थान नहीं मिला। वे इस उहापोह में थे कि क्या नवद्वीप जा कर चैतन्य महाप्रभु के जन्मस्थान का दर्शन करें या अपनी शक्तिपीठ यात्रा पर चलते रहें।
उन्होने बस से नवद्वीप जाने का निर्णय किया।

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