रविरतलामी जी ब्लॉगर.कॉम मूर्ख नहीं है


रवि रतलामी ने अपने लेख ’हनी, आई श्रंक द पिक्स’ मे‍ यह कहा है कि मैने लगभग १०० केबी के चित्रों का प्रयोग किया है और वह - 

"आवश्यकता से 10 गुना अधिक रिसोर्स का प्रयोग किया गया है जो चिट्ठाकार के लिए भी ठीक नहीं है और उसके पाठकों के लिए भी." (रवि के शब्द)

चिट्ठाकार/ब्लॉगर (पढ़ें – ज्ञानदत्त पाण्डेय) तो कालिदास (अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने वाला) है, उसकी फिक्र न की जाये। पर क्या उससे पाठक को टेक्स किया जा रहा है? और अगर पाठक को टेक्स किया जा रहा है तो ब्लॉगर.कॉम भी उतनी बार टेक्स हो रहा है जितनी बार पेज क्लिक हो रहे हैं।

क्या ऐसा है? क्या ब्लॉगर.कॉम मूर्ख है मेरी तरह!

raviratlami आप जरा उनके लेख में उद्धृत मेरे ब्लॉग पोस्ट "कैसे लाऊं जिप्सियाना स्वभाव" का अवलोकन करें। उसपर उपलब्ध चित्रों पर राइट क्लिक कर चित्र को अपने कम्प्यूटर पर सेव करें («बायां चित्र देखें)। आप पायेंगे कि चित्र, जो पन्ने पर आ रहे हैं, १५ से २७ केबी के हैं – न कि ९० से १२४ केबी के जैसा रवि कह रहे हैं। हां आप अगर चित्र पर क्लिक कर उसे डाउनलोड करने का यत्न करेंगे तो वे अवश्य ९० से १२४ केबी के मिलेंगे।

मैने आप (पाठक) के रिसोर्स को चूना नहीं लगाया! जब आप मेरा पेज डाउनलोड करते हैं तो आपको चित्रों के लिये १५-२७ केबी का डाउनलोड करना होता है। पर आप मेरे चित्र डाउनलोड करना चाहें तो जरूर आपको दस गुने रिसोर्स देने होंगे।

खैर में अब कोशिश करूंगा कि ब्लॉगर.कॉम पर १०० केबी छाप चित्र ही न ठेलूं। उससे मेरा लाभ है। पर भूतकाल में मैने न पाठक को चूना लगाया है न ब्लॉगर.कॉम ही मूर्ख है! 


वैसे भी मैं विण्डोज लाइवराइटर से पोस्ट बनाते समय सामान्यत: चित्र का ऑप्शन Small(240×169) रखता हूं जो सबसे छोटा साइज है। उसमें फोटो ठीक ठीक दिखती है और रिसोर्स १५-३० केबी की रेंज में लगता है पेज पर।  


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

15 thoughts on “रविरतलामी जी ब्लॉगर.कॉम मूर्ख नहीं है

  1. गजब चित्र उभरा इस पोस्ट, उस पोस्ट, इस चित्र और उस चित्र से…..ब्लॉग पढ़ने में जब समय का चूना लगना लाजमी है तो फिर चित्र १०० केबी का है या ७० केबी का, क्या फरक पड़ता है.

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  2. मेरे ब्लॉग में, मेरी हर ग़ज़ल से पहले आप एक चित्र देखेंगे. मुझे अच्छा लगता है अपने ब्लॉग पर चित्र लगाना इस से ब्लॉग की मेरी नज़र में खूबसूरती बढ़ती है और एकरसता भंग होती है.लेकिन मैंने कभी इस बात पर गौर नहीं किया की कितनी केबी खर्च हुई हैं. जिंदगी में इतने झमेले हैं बेकार एक और का इजाफा क्यों किया जाए ? वैसे उम्र भी माफ़ करें इन छोटी छोटी बातों पे लगाने की अब रह नहीं गयी. आप भी अपनी छुट्टी कहाँ बरबाद कर रहे हैं ? . नीरज

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  3. बहुत खूब जी। हमने तो छुट्टी अप्रूव कर दी थी, आपने एवेल नहीं की, तो आप जानें। अब आप पक्के ब्लागर हो लिये हैं। आने का वादा करके न आये वो नेता होता हैन आने का वादा करके भी जो आये वो ब्लागर होता है। जमाये रहिये।

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  4. “वैसे भी मैं विण्डोज लाइवराइटर से पोस्ट बनाते समय सामान्यत: चित्र का ऑप्शन Small(240×169) रखता हूं जो सबसे छोटा साइज है। उसमें फोटो ठीक ठीक दिखती है और रिसोर्स १५-३० केबी की रेंज में लगता है पेज पर। “चित्र को ले-आऊट (सज्जा) करते समय छोटा करने से चित्र छोटा दिखता है, लेकिन उसके वास्तविक किलोबाईट/मेगाबाईट साईज में कोई फरक नहीं आता है. ऐसे फरक के लिये चित्र को पहले किसी ग्राफिक्स तंत्र में ले जाकर छोटा करना होगा.रवि जी ने जो सामान्य जानकारी दी है वह एकदम सही है.चित्र का वास्तविक किलोबाईट/मेगाबाईट साईज छोटा करने से आपको ही फायदा है क्योंकि आपका चिट्ठा तेजी से लोड होता है.इस विषय पर सारथी पर लेख आने वाल है — ज्ञान जी एवं रवि जी को आईडिया के लिये आभार सहित !!

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  5. पूरा मामला सिर के ऊपर से जा रहा है। सालो से इंटरनेट उपयोग कर रहा हूँ पर फोटो के नाम पर किसी ने अभी तक नही डराया। मेरे 31,000 से अधिक चित्र नेट पर है। सभी 2716के से ऊपर है पर आज तक किसी पाठक ने कुछ नही कहा। मसलन यह देखेhttp://www.bioscience.heacademy.ac.uk/imagebank/search/Fullimage.aspx?IDvalues=6364

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  6. हा हा हा… चलिए, मान लिया कि आपने न ब्लॉगर को न पाठकों को चूना लगाया है, परंतु शर्तिया आपने अपने आपको चूना लगाया है. आपने अपना स्वयं का बैंडविड्थ खाया है (फोटो अपलोड करते समय) और ब्लॉगर खाते में फोकट का आकार (अभी आपको सिर्फ 1 जीबी तक फोटू रखने की अनुमति है :))गंवाया है.वैसे, ये बातें जनरलाइज्ड थीं, स्पेसिफिक नहीं, और चित्रों को सीधे लिंक करने पर ऐसा दुष्प्रभाव ज्यादा पड़ता है और मैंने इसका विशेष रूप से उल्लेख भी किया था कि नए ब्राउजर और सर्वर चित्रों को डायनामिकली आकार में कम कर दिखाते हैं. मगर फिर भी बैंडविड्थ और रिसोर्स तो जाया होता ही है!.

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  7. ब्लॉगर.कॉम तो शुद्ध व्यवसायी है। मगर रवि जी ने आप का तो लाभ किया ही है। मैं ही उन्हें धन्यवाद कर देता हूँ। और आप छुट्टी पर नहीं गए, यह हम ब्लॉगरों के लिए अच्छी खबर है। धन्यवाद्।

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