संतृप्त, मुदित और असंवेदनशील है भारतीय मध्यवर्ग


हर रोज हम लोग लिख रहे हैं। हिन्दी लिखने की मूलभूत समस्या और जद्दोजहद के बावजूद हम लोग लिख रहे हैं। रोज लिखते हैं, छाप देते हैं। मुझे विश्वास है कि अपनी पोस्ट बरम्बार निहारते भी होंगे। और शायद अपनी पोस्ट जितनी बार खोलते हैं, वह औरों की पोस्टें खोलने-पढ़ने से कम नहीं होगा। पोस्टContinue reading “संतृप्त, मुदित और असंवेदनशील है भारतीय मध्यवर्ग”

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