« तसवीर देखिए जिससे आप सामान्य लैपटॉप और इस लैपटॉप के साईज़ में अंतर देख सकते हैं। Xandros लिनक्स OS, Open Office और कई सारे Utilities इसमें पहले से ही लोड किये गए हैं. वायरलेस इण्टरनेट, लैन, वेब-कैम, माइक्रोफोन, स्पीकर्स, 3 USB पोर्ट, मेमोरी कार्ड, टेलीफोन जैक वगैरह भी इसमे मिल जाएँगे। डिस्क का स्पेस और स्क्रीन का साइज कम है लेकिन इसे छोड़कर यह पीसी सामान्य लैपटॉप पीसी से क्षमता या उपयोगिता में कम नहीं। मेमोरी कार्ड और पेन ड्राइव अगर साथ हो तो डिस्क-स्पेस की कमीं कोई गंभीर अड़चन नहीं होगी। (कम से कम मेरे लिए।)
इस पीसी से मैं बेहद खुश हूँ। आप लोगों को इसे खरीदने का करण भी बता देना चाहता हूँ।
बहुत दिनों से अपना सीधा साधा मोबाईल फ़ोन त्यागकर, एक हाई-एण्ड (मंहगा वाला) मोबाइल फ़ोन खरीदना चाहता था जैसा आजकल के नौजवान सोफ़्टवेर वाले लेकर घूमा करते हैं। Blackberry, Nokia communicator,HTC advantage वगैरह के बारे में सोचता था। लगभग ३०,००० रुपये का बजट था मेरा। लेकिन बहुतों ने सलाह दी के यह सब महँगे गैजेट्स के साथ केवल कुछ दिनों का हनीमून चलता है और फ़िर यह केवल आम मोबाइल फ़ोन जैसा ही काम आता है। ज्यादा से ज्यादा कभी कभार एकाध फ़ोटो खींचते हैं और वह भी अच्छी नहीं आती – उसमे कैमेरा केवल 1.3 मेगापिक्सल का होता है।
इन गैजटों का पीसी जैसा प्रयोग लोग शुरू में कुछ दिनों के लिए ही करते हैं और बाद में छोड़ देते हैं। दो इन्च का स्क्रीन साइज़ और अंगूठे से चलने वाला की-बोर्ड से क्या उम्मीद रख सकते हैं? कुछ दिनों बाद यह केवल एक बहुत महँगा और फैंसी फ़ोन बन जाता है जिसका खो जाने का डर हमेशा रहता है।
मेरे लिए, संपूर्ण पोर्टेबिलिटी के साथ, मूल PC की शक्ति और अंतर्जाल क्षमता अनिवार्य शर्त थी। क्या हुआ अगर मैं इसे अपने जेब में लेकर घूम नहीं सकता? भारी ब्रीफ़केस उठाना नहीं चाहता था लेकिन कंधे पर हैण्डबैग लटकाने से मैं बिलकुल कतराता नहीं हूँ।
कमर बेल्ट पर लगा अपना पुराना साधारण मोबाईल फोन के साथ इस पीसी का उपयोग के बारे में सोचने लगा। इसे मैं “अतिरिक्त” पीसी मानता हूँ, मेरा डेस्कटॉप PC का विकल्प नहीं। दफ़्तर में यह छोटी पी सी मेरे लिए उपयुक्त नहीं होगा। लेकिन दफ़्तर के बाहर, सामान्य लैपटॉप भी मेरे लिए भारी और असुविधाजनक साबित होता है। बहुत सोचने के बाद इसे खरीद लिया।
खरीदते समय ब्लॉगर “पीडी”, (प्रशांत प्रियदर्शी, जो मुझसे मिलने आये थे) मेरे साथ थे। उनकी राय/टिप्पणी भी आमंत्रित है।
Asus Ee PC के पूरे तकनीकी विवरण आप देखिए और तय कीजिए के यह यंत्र आपके लिए ठीक रहेगा कि नहीं।
एक और बात कहनी है। अभी तक इसपर हिन्दी में कैसे टाइप करेंगे, इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिला है। बरहा सोफ़्टवेर, जिसका प्रयोग मैं करता हूँ लिनक्स में काम नहीं करता। फ़िलहाल, अंग्रेज़ी में टाईप करके, बाद में पेन ड्राइव के जरिए उसे डेस्कटॉप पर ट्रान्स्फ़र करके उसे बरहा में चेप देता हूँ। इससे मैं सन्तुष्ट नहीं हूँ। कोई हल निकालना ही पढेगा।
अपने अनुभवों के बारे में आगे भी बताऊँगा। जाते जाते एक और आखरी बात – पत्नी आजकल (पिछले दो महीनों से) USA गई है, मेरी बेटी के साथ कुछ समय बिताने। अब आप समझ गए होंगे कि आजकल इतना समय कहाँ से निकाल लेता हूँ ब्लॉग लिखने और टिप्पणी करने के लिए। सीधी सी बात है, अकेलेपन से लड़ने के लिए इससे अच्छा नशा कहाँ? बस, कुछ ही दिनों की बात है और वह लौट रही है। इस पीसी को देखकर, मुझे डर है कि कहीं वह मुझसे यह पीसी छीन न लें। आखिर फेमिनाइन लॉजिक जैसी कोई चीज़ भी होती है। हैण्डबैग आखिर उनका है, उसके अन्दर रखी चीज़ खरीदने वाले पति भी उसके, तो वह चीज़ भी उसकी क्यों नहीं?
आज के लिए बस इतना ही। फिर कभी मिलेंगे ज्ञानजी के ब्लॉग पर।
शुभकामनाएं
गोपालकृष्ण विश्वनाथ
Post facto approval granted!Thanks for some more free publicity.RegardsG Vishwanath
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विश्वनाथ जी, आपके इस जानकारी परख आलेख को आधार बनाकर एक आलेख नीचे दी गई कड़ी पर लिखा है. आशा है, कार्य के बाद की स्वीकृति मिलेगी :)http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=080916-122157-280010
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रविजी,इस पूछताछ के लिए धन्यवाद।सोचा था किसी को भी इसमे रुचि नहीं है।समस्या सुलझी नहीं।Quillpad की सहायता से अपनी इस Asus EEE PC पर हिन्दी में टाइप कर सकता हूँ लेकिन छोटी "ई" की मात्रा अपनी जगह पर नहीं दिखती। "रविरत्लामी" जब टाइप करता हूँ तो स्क्रीन पर "रवरि त् ला मी" नज़र आता है लेकिन छापने के बाद यही शब्द को copy करके किसी Windows पीसी में paste करने पर वहाँ ठीक नजर आता है। आजकल हिन्दी में लिखने के लिए इस पीसी का उपयोग नहीं करता हूँ। कभी कभी जब इसी पीसी पर हिन्दी में टाइप करना चाहता हूँ तो quillpad या google transliteration की सहायता से हिन्दी में टाइप कर लेता हूँ, (स्क्रीन पर ठीक से नहीं दिखते हुए भी) और copy करके चेक करने के लिए इसी पीसी में Open Office में paste करता हूँ जहाँ वह ठीक नज़र आता है। लेकिन इसी पीसी में Open Office में हिन्दी में Offline Typing नहीं कर पाता। Open Office में केवल unicode UTF-8 में paste की हुई सामग्री ठीक से नजर आती है। समस्या इस पीसी पर load किये गए Fonts और Firefox के संस्करण में है। किसी ने कहा था कि Firefox 3 load करने से समस्या सुलझ जाएगी। Firefox 3 और GTK 2.10 download कर चुका हूँ लेकिन install करने में असफ़ल हुआ। मेरे एक दोस्त ने (जो इन मामलों में मुझ से ज्यादा जानते हैं ) कहा कि अगर C Compiler मिल जाए तो वह किसी तरह Firefox 3 इसपर लोड करके समस्या का हल निकाल लेंगे। इतने सारे applications इसमें हैं लेकिन एक सीधा साधा C compiler नहीं है। उबुंटु load करने से डरता हूँ। Xandros Linux के साथ कई सारे उपयोगी और रोचक Applications इसमें पहले सी ही load किए गए हैं और उन्हें खोना नहीं चाहता। हाँ अगर इसमें dual boot system (Xandros और Ubuntu) संभव है और उबुंटु लोड करने से Xandros और उसके साथ applications पर कोई असर नहीं पढ़ता तो अवश्य इसके बारे में सोचूँगा। एक और बात । केवल ४ GB का हार्ड डिस्क है इसमें। Xandros Linux और pre-loaded applications २.५ GB खा चुके हैं और बाकी user के लिए केवल १.५ GB शेष है। क्या उबुंटु के लिए जगह है?आज तक यह सारा १.५ GB खाली ही है। अपने फ़ाईलों के लिए अपना pen drive का उपयोग करता हूँ। क्या उबुंटु एक pen drive पर रखके इस पीसी को चला सकता हूँ? Xandros Linux को मिटाना नहीं चाहता। सर्विस सेंटर वाले केवल hardware संबन्धी मामलों में मदद करने के लिए तैयार हैं। वहाँ software संबन्धी मामलों के बारे में न कोई मदद करने के लिए तैयार है और न ही इसके बारे में कोई जानकारी रखने वाला मुझे नज़र आया जिस पर भरोसा कर सकूँ।काश आप जैसा मेरा कोई मित्र होता यहाँ बैगळूरु में जो मेरी मदद कर सकता! कोशिश जारी है और यहाँ वहाँ पूछताछ करता रहूँगा।मेरी रेवा कार के अनुभवों के बारे में नुक्कड़ ब्लॉग विभाग पर मैंने विस्तार से लिखकर पूरे विवरण दिए हैं। टिप्पणियों पर मेरा उत्तर भी पढ़िए । और भी विवरण मिल जाएंगे। http://tarakash.com/forum/index.php?option=com_content&task=view&id=38&Itemid=39अंग्रेज़ी में लिखी हुई है। जानता हूँ की आप इसे हिन्दी में पढ़ना ज्यादा पसन्द करेंगे लेकिन इसका अनुवाद करना या दोबारा इसे हिन्दी में लिखने में समय लगेगा और वह काम मैं तब करना चाहूँगा जब कोई विशेष अनुरोध करता है।आशा करता हूँ कि इसका हिन्दी में अनुवाद करना अभी आवश्यक नहीं और आप इस बार इस अंग्रेज़ी में लिखा हुआ पोस्ट से सन्तुष्ट हो जाएंगे।यदि आप इसके बारे में कोई विशेष सवाल करना चाहते हैं या इससे भी ज्यादा विवरण चाहते हैं तो जरूर पूछिए और हम उत्तर भी हिन्दी में देंगे।संपर्क जारी रखिए। कभी बेंगळूरु आना हुआ तो अवश्य मिलिए हमसे। हमें बड़ी खुशी होगी और अपनी रेवा कार में आपको शहर की सैर कराएंगे। अवांछित मेल, फ़ोन और स्पैम से बचने के लिए इस सारवजनिक स्थल पर अपना email id/ phone number प्रकाशित नहीं करना चाहता। ज्ञानजी मेरा email id और phone number जानते हैं और उनसे पूछकर आप मुझसे सीधा संपर्क भी कर सकते हैं। आप तरकश के पंकज बेंगाणी से भी मेरा e mail id और फ़ोन नम्बर मालूम कर सकते हैं।शुभकामनाएं।
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विश्वनाथ जी,ई-पीसी पर आपकी हिन्दी की समस्या सुलझी या नहीं? यदि नहीं तो आप अपने सर्विस सेंटर वालों को कहें कि वो उबुन्टु का नया संस्करण उसमें डाल दें. उबुन्टु का नया संस्करण डालते समय हिन्दी का विकल्प चुनें. बस आपके लिए सारी हिन्दी फ़ाइलें व जुगाड़ स्वचालित संस्थापित हो जाएंगी. फ़ॉयरफ़ॉक्स 3 समेत. उसमें बारहा जैसा (फोनेटिक, इनस्क्रिप्ट इत्यादि) अंतर्निर्मित हिन्दी कुंजीपट भी होगा.चलिए, मेरी अगली शॉपिंग ई-पीसी की होगी. और हाँ, अपने रेवा कार के बारे में अपने अनुभव और विस्तार से बताएं.
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I tried out Dr Pundir’s suggestion.No luck.The problem remains.Firefox does not represent the characters correctly.Maanasik Halchal appears as Maansaki Halchal.
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