फंतासी बिकती रहेगी।


आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उपन्यास चारु-चन्द्रलेख में वर्णन है सातवाहन के समय का। भारतवर्ष पर तुर्क आक्रान्ताओं के आने की चर्चायें हैं। उस आक्रमण से निपटने की तैयारी की बात भारतवासी नहीं कर रहे। वे अघोरी-तिलस्मी-कपाली साधुओं के भरोसे रहने की बात कर रहे हैं जो एक मन्त्र से पूरी की पूरी सेना को भस्मContinue reading “फंतासी बिकती रहेगी।”

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