ऑक्सफोर्ड स्कॉलर नकुल


यह श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथकी अतिथि पोस्ट है:

हाल ही प्राप्त एक खुश खबरी चिट्ठा जगत के सभी मित्रों को देना चाहता हूँ।

Nakul4 मेरे २३ वर्षीय बेटे नकुल कृष्ण ने ( जो २००७ में भारत के पाँच रोड्स स्कॉलर में से एक था) , अपनी बी ए की पढ़ाई पूरी कर ली है। वह ऑक्स्फ़र्ड विश्वविद्यालय से “डिस्टिंक्शन” के साथ उत्तीर्ण हुआ है। परिणाम दो दिन पूर्व ही घोषित हुए।

रोड्स चयन समिति के सदस्यों का उसपर जो विश्वास था, उसकी पुष्टि उसने करके दिखाई है। समिति ने उसे हज़ारों श्रेष्ठ विद्यार्थियों में से चुना था जो सब इस छात्रवृत्ति के लिए प्रतिस्पर्धा में लगे हुए थे।

नकुल का रोड्स स्कॉलर के रूप में चयन पढ़ाई में सर्वश्रेष्ठ होने, संगीत में उसकी प्रतिभा (कर्नाटक शैली मे वह एक कुशल गायक है) अंग्रेज़ी रंगमंच  में राष्टीय स्तर पर सफ़लता , अंग्रेज़ी गद्य और पद्य और वाद-विवाद में निपुणता और सामाजिक और पर्यावरण संबन्धी मामलों में उसके योगदान के आधार पर हुआ था।

 Vishwanath
श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ की अतिथि पोस्ट

ह्युमैनिटीज़ विषयों में ऑक्स्फ़ोर्ड विश्वविद्यालय में “डिस्टिंक्शन” पाना प्रशंसा दिलाने वाली उपलब्धि मानी जाती है। अब अपने आप को वह एक पक्का “ऑक्स्फ़र्ड स्कॉलर” कह सकता है।

उसे स्नातकोत्तर पढाई के लिए वहीं ऑक्स्फ़र्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश मिल गया है। दर्शनशास्त्र में उँची पढाई करने की इच्छा है उसकी।

पढाइ के लिए उसे क्लैरन्डन छात्रवृत्ति और साथ साथ ब्रिटिश सरकार की तरफ़ से भी छात्रवृत्ति मिलेगी।
मेरा बेटा पीएचडी पाने तक अपनी पढाई जारी रखना चाहता है।

दो साल के बाद अभी अभी घर लौटा था और तुरंत घर से हज़ारों मील दूर अरुणाचल प्रदेश रवाना हो गया है वह, एक विशेष अभियान के संबन्ध में।

रॉयल जोग्राफ़िक सोसाइटी द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम के तहद वह अपने कुछ विदेशी सहपाठी छात्रों के साथ तवंग (अरुणाचल प्रदेश) में है इस समय।

इस विषय में अधिक जानकारी के लिए यह कड़ी देखिए।

संक्षिप्त में मेरे बेटे और उसके साथियों के बारे में एक लेख भी उपर दी गई कडी पर उपलब्ध है।

मान्यवर,आप सब को मैं अपने विस्तृत परिवार का सदस्य मानने लगा हूँ, और यह पोस्ट लिख कर अपनी खुशी आप सब से बाँटना चाहता हूँ।

सादर,
गोपालकृष्ण विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु

तवांग, अरुणांचल प्रदेश, भारत

मैं कुछ कहूं?

जब मैने यशस्वी भव! नकुल! प्रस्तुत की थी, तो मेरे मन में था कि श्री विश्वनाथ फालो-अप पोस्ट जरूर देंगे। और मैं श्रीमती और श्री विश्वनाथ की प्रसन्नता में सहभागी हूं।

आप श्री विश्वनाथ की सुझाई ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के उत्तरपूर्व भारत के अभियान की साइट देखें। उसमें नकुल का ब्लॉग भी है। उसमें यह भी है कि नकुल कृष्ण हिन्दी-अंग्रेजी में प्रवीण है और वर्तमान में तिब्बती भाषा सीख रहा है। कर्णाटक संगीत में दक्षता और तिब्बती म्यूजिकॉलॉजी में रुचि भी है उसे।

मैने देश का वह हिस्सा – तवांग – अरुणांचल देखा नहीं है। गूगल अर्थ पर लगे कुछ चित्र देखता हूं। पर पूरी दृढ़ता से मानता हूं कि वह मेरा देश है। नियंत्रण रेखा के इस पार और उस पार भी।

मैं अपने को भीषण अंतर्मुखी मानता हूं, पर यह लगता है कि इस नौजवान से मिलने पर बहुत कुछ बात करूंगा।

बधाई नकुल!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

38 thoughts on “ऑक्सफोर्ड स्कॉलर नकुल

  1. नकुल के बारे में जानकार बहुत अच्छा लगा. विश्वनाथ जी को ढेरों बधाई. नकुल हर क्षेत्र में आगे बढे, यही कामना है.

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  2. पिता और पुत्र दोनों को… घणी बधाई.देखिये, एक वे हैं जिन्होंने अपने देश में शिक्षा का स्तर इतना ऊंचा रखा है…और एक हम हैं जो मानविकी और सम्बद्ध विषयों को दो कौड़ी का समझते हैं! पाश्चात्य दर्शनशास्त्र तो भाई बहुत सरखपाऊ है. बर्ट्रेंड रसल की किताब 'History of Western Philosophy' पढ़कर मेरे सर में तीन दिन तक दर्द होता रहा.लेकिन नकुल को नहीं होगा.

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  3. मेधावी-प्रतिभाशाली नकुल को और गर्व से दिपदिपाते आ.विश्वनाथ जी को बहुत-बहुत बधाई . हम सब इस खुशी में शामिल हैं और नकुल की सफलता पर बहुत रोमांचित हैं .

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  4. सभी मित्रों को मेरा हार्दिक धन्यवाद।नकुल जैसा पुत्र और आप जैसे मित्रों पाकर अपने आप को मैं धन्य समझता हूँ इनसान को जीवन में और क्या चाहिए।नकुल आज तेज़पुर छोड़कर तवंग के लिए रवाना हुआ है।अब तक मोबाईल फ़ोन के जरिए संपर्क में रहे हैं।पता नहीं तवंग में उसका फ़ोन काम करेगा भी या नहीं।इन्टर्नेट की सुविधा भी सन्दिग्ध है।पुन: संपर्क स्थापित होते ही उसे आप सब लोगों की शुभकामनाओं से अवगत कराऊँगा।मुझे विश्वास है कि इससे उसका हौसला और बढ़ेगा।जी विश्वनाथ

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  5. बेटे नकुल, "यशस्वी भव्` " – May Shri Krishna, bless you ! एक बात और , आप दुनियाभर मेँ घूमो किँतु, सावधानी बरतना – बिना वजह का कोई भी जोखिम ना उठाना – क्यूँकि आप होनहार युवा हो और आपकी प्रतिभा का और उससे उपजे सत्कर्मोँ का इस विश्व को इँतजार है विश्वनाथ दँपति को बधाई – हम ,आप की खुशी मेँ शामिल हैँ :)– लावण्या

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