अघोरी


अलाव तापता जवाहिरलाल, लोग और सबसे बायें खड़े पण्डाजी जवाहिरलाल को दो गर्म कपड़े दिये गये। एक जैकेट और दूसरा स्वेटर। ये देने के लिये हम इंतजार कर रहे थे। पैर के कांच लगने की तकलीफ से जवाहिरलाल लंगड़ा कर चल रहा था। दूर वैतरणी नाले के पास आता दिखा। उसे अपने नियत स्थान परContinue reading “अघोरी”

Design a site like this with WordPress.com
Get started