यह नाराण दत्त तिवारी का मामला मेरी समझ के परे है।
ताजा समाचार के अनुसार, उन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया है।
८६ की आयु में क्या कोई मर्द ऐसी मर्दानगी का प्रदर्शन कर सकता है?
एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन तीन महिलाओं के साथ बिस्तर पर लेटे लेटे रति-क्रीडा करने की क्षमता रख सकता है?
क्या ये महिलाएं उनकी पोतियाँ के बराबर नहीं होंगी?
भारतीय परंपरा को ध्यान में रखते हुए क्या हम तिवारी जी के बारे में ऐसा सोच भी सकते है?
मेरा मानना है कि इस उम्र पहुँचते पहुँचते हम इन प्रवृत्तियों को पीछे छोड़ जाते हैं

क्या यह कोई राजनैतिक षडयन्त्र है?
जरा टाइमिंग पर ध्यान दीजिए।
आन्ध्र प्रदेश वैसे भी जल रहा है। तेलंगाना अभियान ने राज्य को चीर दिया है।
सरकार पर और दबाव डालने के लिए क्या यह किसी की साजिश है?
क्या कोइ राज भवन जैसी सुरक्षित स्थान में ही घुसकर ऐसा स्टिंग ऑपरेशन कर सकता है?
तिवारी जी एक जाने माने और अनुभवी राजनैतिक भी हैं।
क्या वे ऐसी मूर्खता वाली हरकत कर सकते हैं?
ऐसी हरकत को कैसे कोई गुप्त रख सकता है?
क्या राज भवन के कर्मचारी यह भाँप नहीं सकते की क्या हो रहा है?
यह कैसे संभव है कि कोई राज्य पाल के शयन कक्ष में घुसकर एक ऐसा कैमरा लगा दे और एंगल भी ऐसा एडजस्ट कर दे कि सब कुछ रिकॉर्ड हो जाए?
ऐसा स्टिंग ऑपरेशन मेरे विचार में संभव ही नहीं।
सब जानते हैं कि तसवीरें एडिट की जा सकती हैं और किसी का भी चेहरा किसी और की बदन के साथ जोडा जा सकता है और सक्षम एडिटिंग की सहायता से कुछ भी संभव है।
पर फ़िर भी:
कभी यह भी सोचता हूँ कि क्या मैं बेवकूफ़ हूँ?
क्या तिवारी जी का निजी जीवन ऐसा ही रहा है जो कुछ ही लोग जानते हैं और हम दक्षिण भारत के लोगों को कानों कान पता ही नही?
क्या ऐसे भी मर्द होते हैं जो इस उम्र में भी ऐसी क्षमताएं रख सकते है?
बिल क्लिन्टन का उदाहरण हम सब के पास है
पर क्लिन्टन तो केवल ६० के थे और महिला केवल एक
अगर यह बात सच है तो इसे विश्व में एक नया कीर्तिमान समझा जाए!
तिवारी जी का मैं बडा आदर करता था और अब भी करता हूँ
ईश्वर करे यह सब गलत हो।
पिछली बार जब मैं इस दुविधा में पड़ा था, मामला कान्ची शंकराचार्य पर लगा हत्या का आरोप था।
औरों के क्या विचार है?
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु