चिठ्ठाचर्चा
चिठ्ठीचर्चा
न्यू चिठ्ठाचर्चा
बेस्ट चिठ्ठाचर्चा
असली चिठ्ठाचर्चा
चिठ्ठाचर्चा डॉट फलाना : असली और मोस्ट हाइटेक! उत्कृष्टता की एक मात्र दावेदार दुकान!!
:-) :-(
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
चिठ्ठाचर्चा
चिठ्ठीचर्चा
बेस्ट चिठ्ठाचर्चा
असली चिठ्ठाचर्चा
चिठ्ठाचर्चा डॉट फलाना : असली और मोस्ट हाइटेक! उत्कृष्टता की एक मात्र दावेदार दुकान!!
:-) :-(
सही लिखा है
LikeLike
देव !नमस्ते ..कल गोविन्दपुरी में गंगा के मैदान पर बच्चों का क्रिकेट देख रहा था , गंगा के क्रोड में !बरबस आपकी याद आ रही थी और पोस्टें भी !.'चिट्ठाचर्चा' और 'दुकान' दोनों पर सोच रहा हूँ ,,, आभार …
LikeLike
ha ha ha…bahut khub..★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता ★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★प्रत्येक रविवार प्रातः 10 बजे C.M. Quiz ★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★ क्रियेटिव मंच
LikeLike
Jay ho……jabardast !!!
LikeLike
एक साथ छ्ह ठो डोमेन ले लिये। बधाई। कित्ते में पड़े? अब इनकी नीलामी कब करेंगे? सीधे नीलामी करेंगे या पहले विस्फ़ोट करेंगे! प्रायोजक खोजेंगे?
LikeLike
चिठ्ठीचर्चा :D
LikeLike
अगर किसी को चिट्ठाचर्चा पक्षपाती लगती है तो उसमें शामिल हो कर चर्चा करने से किसने रोका है? बात यह है कि चर्चा में मेहनत करूँ तो सार्वजनिक मंच के लिए क्यों करूँ? अपना नया चोका बना कर न करूँ?
LikeLike
आदरणीय जाकिर अली रजनीश जी ;आपकी बात से एक हद तक सहमत, मगर क्या यह भी एक तरफ़ा नहीं है ? जो कुछ वे चिठ्ठाचर्चाकार अपनी चर्चा में लिखते है या पकड़ते है, हमें कौन वाध्य करता है यह मानने के लिए कि वही श्रेष्ट रचनाये है ब्लॉग पर ? अभूत सी फालतू बाते यहाँ इस ब्लॉग जगत के ब्लोगों पर देखने को मिलती है जिन्हें हम नजरंदाज करते है, वहां भी तो हम ऐसा कर सकते है ?
LikeLike
'डोमेन ले, डोमेन दे' प्रकरण पर तंज देती पोस्ट। डोर को थोडा और ढील देकर पतंग को सर्रर से खींचना था, आपने तो उसे कन्नी बांधकर एक बार हवा में लहराया और छोड दिया…..ये तो पतंग उडाना न हुआ :-) अब आप पूछ रहे हैं कि पतंग उडाउं या न उडाउं, बडा डर लगता है :) तो मेरा सुझाव है कि चरखी पकडे रहने से अच्छा है कि पतंग उडाया जाय। उडेगी तो लोग देखेंगे, कटेगी तो लोग दौडेंगे और जो न दौडे कि हम क्या कोई गये गुजरे हैं जो एक पतंग के लिये दौडेंगे तो यकीं मानिये कि वो पोस्ट लिखेंगे :) इस 'डोमेन ले, डोमेन दे' मामले ने तो बेमतलब का विवाद सा खडा किया है। मेरी नजर में तो ब्लॉगजगत का एक और अप्रिय विवाद है ये।
LikeLike
ha ha ha badhiya…mauke par chauka mara hai.
LikeLike