बिज्जू


स्वप्न, बीमार हो तो बहुत आते हैं। स्वप्न में हल्की रोशनी में दीखता है मुझे बिज्जू। जंगली बिलाव सा कोई जन्तु। वह भी मुझे देख चुका है। आत्म रक्षा में अपनी जगह बैठे गुर्राहट के साथ दांत बाहर निकाल रहा है। मुझे प्रतिक्रिया करने की जरूरत नहीं है। अपने रास्ते निकल सकता हूं। पर आशंकितContinue reading “बिज्जू”

Design a site like this with WordPress.com
Get started