बाल पण्डितों का श्रम


शिवकुटी में गंगा तीर पर सिसोदिया की एक पुरानी कोठी है। उसमें चलता है एक संस्कृत विद्यालय। छोटे-बड़े सब तरह के बालक सिर घुटा कर लम्बी और मोटी शिखा रखे दीखते हैं वहां। यहां के सेमी-अर्बन/कस्बाई माहौल से कुछ अलग विशिष्टता लिये। उनके विद्यालय से लगभग 100 मीटर दूर हनूमान जी के मन्दिर के पासContinue reading “बाल पण्डितों का श्रम”

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