यह सांप खुले आसमान के नीचे रेत में मरा पड़ा था। कोई चोट का निशान नहीं। किसी अन्य जीव के चिह्न चिन्ह नहीं (यद्यपि रेत पर हवा चिन्ह चिह्न मिटा देती है)। अकेला मरा सांप।
बूढ़ा था क्या? बुढ़ापा मारता है तो यूं चलते फिरते खुले आसमान के नीचे? सांप को दिल का दौरा पड़ता है क्या?
सांप की दायीं आंख सफेद पड़ चुकी थी। सांप के शरीर में जो सामान्य चमक होती है, वह समाप्त होती जा रही थी। जिस प्रकार से वह मरा था, उससे लगता था कि रेत में भटक गया था वह और आगे बढ़ कर रेत पार कर सकने की ताकत नहीं बची थी।
पता नहीं रेत में सांप चल पाते हैं या नहीं! मेरा कयास है कि जैसे चिकनी सतह पर चलना चाहिये, वैसे ही वे साइडवेज़ लूप बना कर चलते होंगे। यहां पर मरने की दशा में यह सांप तो सर्पिलाकार चाल में प्रतीत नहीं होता!
अपडेट – यह है फ्लिकर से प्राप्त रेत के साइडविण्डर सांप का चित्र! यह सर्पिल गति ले कर अपने शरीर को साइड में धकेलता चलता है। आप टिप्पणी में पंकज अवधिया द्वारा प्रस्तुत वीडियो देखें!
आत्मा को शान्ति मिले।
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On further observation I now realize that the snake’s colour is uniform.
That gray patch near the head is some sand sticking to the body of the snake.
The surface is not granite rock, as I first thought.
Regards
GV
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हां वह रेत है उसके गरदन पर।
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Gyanji,
I noticed something in the picture.
In the first, it appeared that the snake had died due to a portion of its body being bitten and chewed off, just inches from the mouth.
In the next, (close up view) it is clear that no such thing has happened and the body is intact.
What is amazing is that the colour of that patch on the snake is exactly the same as the colour of the rock on which it lies. And this is what created that impression in my mind.
Am I the only one who has noticed this?
Regards
GV
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सांप रेत पर है। पत्थर पर नहीं!
शरीर पर कोई चोट नहीं दिखी थी हमें।
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जीना और मरना तो ऊपर वाले के हाथ में है जहाँपनाह…
चिन्ह –> चिह्न
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धन्यवाद!
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सांप की मौत पर संदेह है| आंखे सफेद — हो सकता है केंचुली उतार रहा हो और इसीलिये सुस्त हो|
सर्प के विषय में ज्यादा नहीं जानता पर लम्बाई देखकर लगता है कि जहरीला नहीं होगा| ऐसे ही एक सर्प ने माँ को काटा था तीन वर्ष पहले पर जहर नहीं था उसमे|
सांप कैसे रेत में चलता है उसके लिए प्रस्तुत है एक वीडीयो|
मुझे तो यह भ्रष्टाचार का सर्प लगता है जिसे पिछले हफ्ते जब छेड़ा गया तो उसने खूब हंगामा किया| अब सुस्ता रहा है अगले आन्दोलन तक| 🙂
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केंचुल छोडने के लिये तो सांप अपनी चमड़ी कड़ी और खुरदरी सतह से रगड़ता है। यहां तो रेत ही रेत थी करीब 300 मीटर की परिधि में। अत: वह कारण तो नहीं लगता।
यह तो लगता है भूख हड़ताल की तार्किक परिणिति का मामला है!
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तस्वीर एक बार फिर ध्यान से देखी| कहीं सर के नीचे का हिस्सा चीटी का खाया हुआ नहीं दिखता| आपको दिखता है क्या?
अपने पुराने वीडीयों में मुझे इस प्रजाति के सांप का एक वीडीयो मिला| गांव के एक घर में घुस जाने के कारण उसके सर पर चोट की गयी थी और वह अंतिम साँसे ले रहा था|
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आस पास कोई चींटी न थी।
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खुली नजर का नजारा.
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आप में हिम्मत है!
आप को कैसे पता था कि साँप मर चुका है?
कैसे पता कि साँप सो नहीं रहा है?
पास जाकर आपने यह तसवीर खींची।
यदि लपककर आपको डंस लेता तो?
तसवीर आकर्षक है।
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
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जी, उससे दो मीटर की दूरी पर हम दम्पति रुके। मुआयना किया कि कोई हलचल है शरीर में। एक छोटा कीट उस पर से फुदकता निकला तो यकीन हो गया कि मरा हुआ है।
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बेचारा…. 😦
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ana jana to akela hi hai………………….
pranam.
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Umra ke aakhri padaw mei thaa shayad …ya phir ret ki garmi??
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