यह सांप खुले आसमान के नीचे रेत में मरा पड़ा था। कोई चोट का निशान नहीं। किसी अन्य जीव के चिह्न चिन्ह नहीं (यद्यपि रेत पर हवा चिन्ह चिह्न मिटा देती है)। अकेला मरा सांप। बूढ़ा था क्या? बुढ़ापा मारता है तो यूं चलते फिरते खुले आसमान के नीचे? सांप को दिल का दौरा पड़ता हैContinue reading “सांप का मरना”
Monthly Archives: Jun 2011
रेंवा
रात गहराती है तो बोलता है रेंवा। मध्यमा उंगली जितना कीड़ा है यह। रात का सन्नाटा हो तो यह आवाज सुनाई देती है। झनझन की आवाज। रेंवा बोलता है, मानो रात बोलती है। गंगा की रेत में एक लम्बी ट्रेल मिली। मानो कोई जीव बहुत लम्बी यात्रा कर के गया हो। करीब आधा किलोमीटर तकContinue reading “रेंवा”
कुछ बेतरतीब विचार
1. भुल्लर यादव की पतोहू गाय की नांद में कबार डालती जा रही थी और कान से सटाये मोबाइल से बतियाये भी जा रही थी। अच्छा लगा। भुल्लर यादव की पतोहू का पति एक सड़क दुर्घटना में पर साल चला गया था। जिन्दगी जीने का अपना रास्ता खोज लेती है। 2. वह बुढ़िया पगलोट है।Continue reading “कुछ बेतरतीब विचार”
