यात्रायें करते ही क्यों हैं लोग?


क्या यात्रा का स्वरूप तकनीकी रूप से विकसित होने वाले यात्रा के संसाधनों को यूं ही चरमराता रहेगा या जीडीपी की वृद्धि दर यात्रा की वृद्धि दर को पार करेगी, या यात्रा की वृद्धि दर को ऋणात्मक कर देगी।

Design a site like this with WordPress.com
Get started