डाक्टर से वास्ता पड़ता है बीमार होने पर। उस समय आप (पढ़ें मरीज) केवल डाक्टर की दक्षता नहीं तलाशते। उनकी उपलब्धता, उनकी आपके प्रति सहानुभूति, प्रतिबद्धता, स्पष्टवादिता और उनका कॉमन सेंस – इन सब का समग्र तलाशते हैं। पिछले दिनों हमें रेलवे ऑफीसर्स की फेडरेशन में कुछ डाक्टरों को सुनने का अवसर मिला। वे हमारेContinue reading “एक अच्छे रेलवे डाक्टर के साथ”
Monthly Archives: Sep 2011
डेढ़ऊ बनाम ओरल केंसर
शैलेश पाण्डेय ने कहा है कि चट्टी पर उन्हें डेढ़ऊ नामक सज्जन मिले, जिन्हे जब एक व्यक्ति ने खैनी न खाने की सलाह दी तो उनका जवाब था – भैया अबहिएं छोड़ देब .. बस ई गारंटी दई द की हम अमर हो जाइब … डेढ़ऊ की बेफिक्री यूपोरियन संस्कृति का यूनीक सेलिंग प्रोपोजीशन है।Continue reading “डेढ़ऊ बनाम ओरल केंसर”
जवाहिर लाल को सर्पदंश
आज बहुत दिनों बाद – लगभग दो-तीन हफ्ते बाद – गंगा तट पर सवेरे गया। ठण्डी हवा तेज थी और गंगाजल में लहरें भी किनारे से टकराती तेज आवाज कर रही थीं। नहाने वाले आठ दस लोग थे। नदी में पानी बढ़ा हुआ था – दूर दूसरे किनारे पर कई वृक्ष जलमग्न दीख रहे थे।Continue reading “जवाहिर लाल को सर्पदंश”
