प्रयाग फाटक का मोची


मैं उससे मिला नहीं हूं। पर अपने दफ्तर आते जाते नित्य उसे देखता हूं। प्रयाग स्टेशन से जब ट्रेन छूटती है तो इस फाटक से गुजर कर फाफामऊ जाती है। फाटक की इमारत से सटी जमीन पर चबूतरा बना कर वह बैठता है। सवेरे जाते समय कई बार वह नहीं बैठा होता है। शाम कोContinue reading “प्रयाग फाटक का मोची”