
मैं अपने घर और अपने मोबाइल के लिये ब्रॉडबैण्ड/वाईफाई/इण्टरनेट की सुविधा की तलाश में बीएसएनएल दफ्तर के पास घूम रहा था। मेरे साथ थे मेरे सहकर्मी राजेश। सड़क के किनारे 2जी/3जी सिम बेचने वाले यूं बैठे थे, जैसे चना-चबैना बेचने वाले बैठे हों। यह सोच कर कि कहीं ये फर्जी नाम से सिम न टिका दें, हम बीएसएनएल के दफ्तर की ओर चले। वहां पता चला कि यह काम उन्होने आउटसोर्स कर दिया है। पड़ोस का दफ्तर वह डील करता है। पड़ोस का दफ्तर वाला दोपहर का खाना खा रहा था।

समय गुजारने के लिये सामने के ठेले वाले के पास चल दिये। ठेले पर लिखा था – छोटू टी स्टॉल। एक बार चाय पीजिये, जिन्दगी भर याद कीजिये। एक फोटो भी लगी थी किसी फिल्मी हीरोइन की उसके साइनबोर्ड की फ्लेक्सी-शीट पर। मुझे बताया गया कि वे कोई प्रियंका चोपड़ा जी हैं। पता नहीं, प्रियंका जी को मालुम होगा कि नहीं कि वे सिविल लाइंस, इलाहाबाद के छोटू के चाय के ठेले की ब्राण्ड अम्बासडर हैं!
दुकान वाले से पूछा – आपका नाम छोटू है? उसने कहा, नहीं नाम राजेन्द्र है। छोटू तो लिख दिया है।

चाय की कीमत लिखी थी – स्पेशल 5.00 रुपये; चालू 4.00 रुपये। इसपर भी छोटू बनाम राजेन्द्र ने स्पष्टीकरण दिया; एकही चाय मिलती है। लिखने को स्पेशल लिख दिया है। मिलती चार वाली ही है। खैर चार वाली भी पर्याप्त मात्रा में और अदरक डली स्पेशल ब्राण्ड ही थी। कस कर उबाली हुई। भट्टी पर बन रही थी। छोटू बनाम राजेन्द्र बारबार बर्तन को हिला भी रहा था जिससे कि अच्छी तरह उबल जाये। चाय बनाने के बाद उसने हम दोनों के लिये चाय छानी और अपनी सिस्टर-कंसर्न राजू बाटी चोखा वाले से एक बेंच भी ला कर दी हमेँ बैठने के लिये। वह इस बात से इम्प्रेस्ड था कि मैँ उसकी फोटो ले रहा था!

छोटू बनाम राजेन्द्र ने बताया कि वह सवेरे 9 बजे चालू करता है अपना ठेला। शाम 5 बजे बन्द कर देता है। भट्टी चलती रहती है अनवरत। बिक्री, मुझे लगा कि अच्छी होती है। पर राजेन्द्र ने अपनी बिक्री का अनुमान डाइवल्ज नहीं किया मुझे। उसके ठेले पर भट्टी के विकल्प के रूप में एक पम्प करने वाला स्टोव भी रखा था किरोसिन वाला। पर मुझे लगा कि स्टोव का प्रयोग कम ही होता होगा।
छोटू की सिस्टर कंसर्न का ठेला भी पास में था। “राजू बाटी-चोखा”। प्रो. सुरेश गुप्ता। एक गोरसी में बाटी लगाने का जुगाड़ था ठेले पर और उसके पास चोखा के स्टील के पतीले के ऊपर बाटियां रखी थीं। मिडिल साइज की थी बाटियां। प्रोफेसर (सॉरी, प्रोप्राइटर) साहब ने बताया कि बीस रुपये में चार बाटी, चोखा, मिर्च और मूली मिलती है। अगर मक्खन लगी बाटी लेनी हो तो 25 में चार। बाटी के आकार-प्रकार, चोखा की मात्रा और मूली/मिर्च के ऐड-ऑन को देखा जाये, बिसाइड्स 20-25 रुपये का रेट; तो राजबब्बर/राशिद मसूद साहेब हाईली प्रसन्न होंगे प्रो. सुरेश गुप्ता के इस ज्वाइण्ट से।
मैं भी हाईली प्रसन्न था प्रो. गुप्ता और राजेन्द्र के ठेलों का दर्शन-अवलोकन कर और राजेन्द्र की चालू-कम-स्पेशल-ज्यादा चाय पी कर!
कितनी जगहों पर घूम लिए आपके साथ बतियाते हुए.
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बाटी और वह भी ठेले पर ! यहाँ राजस्थान में दाल बाटी परंपरागत रूप से खाए और खिलाये जाते हैं, मगर availability सिर्फ कुछ ढाबों और कुछ तथाकथित ५ सितारा होटल्स में .. क्या दिन होगा जब जयपुर और राजस्थान के अन्य शहरों में दाल बाटी ठेले पर मिलेगी… प्रोफ़ेसर …नहीं प्रो. गुप्ता से कहियेगा इधर फ्रेंचाइजी बनाइये, खूब चलेगी 🙂
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किनारे के ठेलों में स्वाद पूरा होता है, स्वादिष्ट और किफ़ायती
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स्वादिष्ट, एकदम निराला जायका.
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Nice to read and remember all these. Beauty & life of India represented in very simple & beautiful manner.
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क्षुधावर्धक लेख!
I bet you have not received this compliment before.
You must have encountered, रोचक, ज्ञानवर्धक, सारगर्मित and what not.
Tea for Rs 5?
You can’t even get to look at a cup of tea or coffee here in California for that amount.
I paid Rs 650 for a quick five minute hair cut at an ordinary saloon nearby.
Only after coming here, do many of us realize what a Paradise our country really is!
Priyanka Chopra is a poor choice for brand ambassadorship.
In Bangalore, it is Aishwarya Rai mostly.
Baati Chokhaa is inaccessible here.
Wife is making Dosas right now.
I hope to enjoy them better after just reading this appetising piece.
Regards
GV
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यहां हमें सप्ताह में एक दिन इडली और महीने में एक दिन दोसा के दर्शन होते हैं। उस दिन का बहुत इन्तजार रहता है! 🙂
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जमीनी हकीकत के सुंदर ब्लॉग के लिए बधाइयाँ |
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