दो बच्चे और बेर


“विशिष्ट व्यक्ति रेस्ट हाउस” के सामने पोलोग्राउण्ड की चारदीवारी के पास बैठे थे वे दोनो बच्चे। आपस में बेर का बंटवारा कर रहे थे। बेर झरबेरी के नहीं, पेंड़ वाले थे। चालीस-पचास रहे होंगे। एक पॉलीथीन की पन्नी में ले कर आये थे।  मैने पूछा – अरे काफी बेर हैं, कहां से लाये?  गुलाबी कमीजContinue reading “दो बच्चे और बेर”

आस-पास एक चक्कर – गोरखपुर


शनिवार को ड्राइवर साहब को बुलाया दस बजे। आस-पास एक चक्कर लगा जगहें चीन्हने को। एक घण्टे का समय व्यतीत किया। गूगल मैप पर वापस आने पर देखा तो लगभग 9 किलोमीटर का चक्कर लगाया था मैने। ड्राइवर बहुत सहायक नहीं थे बतौर गाइड, अन्यथा ज्यादा इनपुट्स मिलते स्थानों के बारे में। ड्राइवर थे डीएसContinue reading “आस-पास एक चक्कर – गोरखपुर”

Design a site like this with WordPress.com
Get started