यदाकदा डबलरोटी वाले की दुकान पर जाता हूं। पहले यह दुकान – गुमटी – नेशनल हाईवे पर थी। फिर हाईवे के छ लेन का बनने का काम होने लगा तो गुमटी उसे हटानी पड़ी। बाजार के अंदर, दूर नेवड़िया की ओर जाते रास्ते पर उसने शिफ्ट कर लिया अपना व्यवसाय।

उनका नाम पूछा तो उनकी पुत्र वधू ने बताया – उमाशंकर।
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