बरेली से बाड़ी, हिंगलाज माता और रामदरबार


आज की यात्रा के शिव-तत्व-दर्शन में दूसरी घटना प्रेम सागर त्रिपाठी जी से मिलना बताते हैं। त्रिपाठी जी ने उन्हें दो चुनरी, श्रीफल, सेब और केले और दुर्गा सप्तशती की एक पुस्तक उपहार में दी और ढेर सारा आशीर्वाद दिया यात्रा के लिये।

Design a site like this with WordPress.com
Get started