पारसिंग जब हमारे घर काम करने आता था तो मेरी पत्नीजी का पहला सवाल होता था – पारसिंग, दारू पीना बंद किया कि नहीं?
और पारसिंग का स्टॉक रिप्लाई होता था – अरे मम्मी मैं तो छूता भी नहीं। सामने हो तो उसमें आग लगा दूं।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
पारसिंग जब हमारे घर काम करने आता था तो मेरी पत्नीजी का पहला सवाल होता था – पारसिंग, दारू पीना बंद किया कि नहीं?
और पारसिंग का स्टॉक रिप्लाई होता था – अरे मम्मी मैं तो छूता भी नहीं। सामने हो तो उसमें आग लगा दूं।