लघुभ्रमणिका


आगे भगवानपुर की ओर कोहरे की एक पट्टी नजर आती है। मानो सलेटी रंग का कोई बहुत मोटा अजगर जमीन पर लेटा और धीरे धीरे रेंग रहा हो। उसके पीछे सूर्योदय हो चुका है। पर उनका ताप कोहरे के अजगर को खतम नहीं कर सका है।

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