हजामत


“लोग हजामत बनाने में आलसी हैं। दाढ़ी बढ़ती रहती है। पंद्रह बीस दिन तक बढ़ती है। खुद बनाने की बजाय नाई की तलाश करते रहते हैं। नाई, खुद, सही स्थान और सही समय का योग कम ही बैठता है। इस लिये पखवाड़ा गुजर जाता है हजामत करवाये।”

Design a site like this with WordPress.com
Get started