जुगेश


छोटी सी मुलकात के बाद मुझे दो चीजें समझ आईं। उसे एक जोड़ी चप्पल चाहिये। केवल उसकी चप्पल, साझे की नहीं। वह शायद मिलना आसान है। कठिन चीज है कि उसे जिंदगी में कुछ बनने के सपने चाहियें। पर सपने बोना शायद उतना आसान नहीं है।

Design a site like this with WordPress.com
Get started