उमादास


नीलकंठ थोड़ा कष्ट में थे। सर्दी में सांस की तकलीफ पहले हुआ करती थी, फिर स्थान बदलने से खत्म हो गई। तराई के इलाके में नमी की कमी नहीं होती। शायद नमी का असर था। पर अब पंद्रह साल बाद फिर से लगा कि इनहेलर ले लेना चाहिये। शशि दिल्ली में डाक्टर है। उससे फोनContinue reading “उमादास”

नर्मदापरिक्रमा के पदयात्री प्रेमसागर कल रात मेरे घर पर पहुंचे।


नर्मदापरिक्रमा के पदयात्री प्रेमसागर कल रात मेरे घर पर पहुंचे। वे डिंडोरी-शहडोल-प्रयाग से बस यात्रा करने आये। बोल रहे हैं अब देवोत्थानी एकादशी के समय ही मंडला के पहले चाबी से अपना लाठी उठायेंगे आगे की यात्रा को। लाठी वहीं मंदिर के पुजारी के यहां छोड़ आये हैं – संकल्प का प्रतीक। नवम्बर में मौसमContinue reading “नर्मदापरिक्रमा के पदयात्री प्रेमसागर कल रात मेरे घर पर पहुंचे।”

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