सुल्तानगंज में प्रेमसागर

आज सवेरे सवेरे प्रेमसागर ने फोन किया – भईया, सुल्तानगंज से दिन में बारह बजे गंगा जी से जल उठायेंगे।

वे सुल्तानगंज पंहुचने वाले थे। दस बजे तक पंहुच ही जायेंगे। सुल्तानगंज और देवघर उनका जाना पहचाना है। सौ से अधिक बार सुल्तानगंज से जल ले कर बैजनाथ धाम की कांवर यात्रा कर चुके हैं।

बैजनाथ धाम के लिये गंगा जी से जल उठाने का कृत्य। बैजनाथ धाम, देवघर, बारहवाँ ज्योतिर्लिंग। कांवर यात्रा सम्पन्न होने का अंतिम चरण।

*** द्वादश ज्योतिर्लिंग कांवर पदयात्रा पोस्टों की सूची ***
पोस्टों की क्रम बद्ध सूची इस पेज पर दी गयी है।
द्वादश ज्योतिर्लिंग कांवर पदयात्रा पोस्टों की सूची

पिछले साल तीन सितम्बर की पोस्ट में, जब प्रेमसागर मेरे घर से रवाना हो रहे थे अमरकण्टक की पदयात्रा पर; तब मैंने लिखा था – मोटे तौर पर उनके पास भारत की ऋतुओं और स्थानों की प्रकृति का लाभ पर्यटन में लेने की योजना की रूप रेखा है। वे अपेक्षा रखते हैं कि दो साल से कहीं कम समय में अपना पद यात्रा अनुशासन से द्वादश ज्योतिर्लिंग दर्शन का कार्य पूरा कर लेंगे।

दो साल नहीं; एक ही साल से कम समय में प्रेमसागर अपनी द्वादश ज्योतिर्लिंग कांवर यात्रा सम्पन्न कर लेंगे।

प्रेमसागर ने ट्विटर पर यह चित्र शेयर किया था। चार धाम की यात्रा के बाद उनके बाल और दाढ़ी बेतरतीब, बाबा की तरह, बढ़े हुये थे। अब वे एक सामान्य व्यक्ति की तरह लग रहे हैं।

पिछले साल जब वे यात्रा प्रारम्भ कर रहे थे तो मेरा अनुमान था (आशंका थी) कि वह यात्रा सम्भवत: आगे चल ही नहीं पायेगी। पर न केवल वह चली, उसके अनुभवों के चालीस प्रतिशत का मैं साक्षी भी रहा। प्रेमसागर को तो यात्रा की सम्पन्नता पर परम सतोष की अनुभूति होगी ही; मुझे भी उससे जुड़ाव का आत्मीय-भाव बहुत गहरा है।

सुल्तानगंज के रास्ते में प्रेमसागर (बीच में)। उनके दांये सुशील सिंह और बांये टी-शर्ट में अमरदीप पाण्डेय।

सावन का महीना अभी प्रारम्भ नहीं हुआ है। आषाढ़ांत की पूर्णिमा कल है और देवघर में जल चढ़ाने का कार्य परसों सावन के साथ प्रारम्भ होगा। प्रेमसागर ने बताया कि आज भीड़ बढ़ गयी है सुल्तानगंज में जल उठाने वालों की। प्रेमसागर भी आज जल उठा कर परसों श्रावण प्रथमा को बैजनाथ धाम में जल चढ़ा कर अपनी द्वादश ज्योतिर्लिंग पद यात्रा की इतिश्री कर लेंगे।


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

2 thoughts on “सुल्तानगंज में प्रेमसागर

    1. प्रेमसागर निश्चय ही इस उपलब्धि पर संतृप्त होंगे। कोई भी होगा!
      आप की जय हो!

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