<< गिलहरियां नहीं दिख रहीं >> रात में कुछ अजीब हुआ है। आज सवेरे कोई गिलहरी नहीं दिख रही। मेरे #घरपरिसर में करीब दो दर्जन गिलहरियां हैं। सवेरे बाहर निकल कर मैं उनके लिये रोटी डालता हूं तो कई गिलहरियां, चरखियां, मैना, बुलबुल, कौव्वे और रॉबिन इंतजार करते मिलते हैं। आज बाकी सब तो थेContinue reading “गिलहरियां नहीं दिख रहीं”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
संगम में भटका भल्लू
<< संगम में भटका भल्लू >> गांव का ही है भल्लू। भल्लू कंहार। उससे मैं तीन दिन से मिलना चाहता हूं पर मिलना नहीं हो रहा। वह सवेरे सात बजे काती के कारखाने पर चला जाता है और रात आठ बजे के बाद वापस आता है। कार्पेट बुनकर के कारखाने में लोग दो तरह सेContinue reading “संगम में भटका भल्लू”
संगम तट पर अधेड़ महिलायें
<< संगम तट पर अधेड़ महिलायें >> संगम तट पर भीड़ के हर आदमी औरत की अपनी कहानी होगी। पूरे भारत से आई कहानियां। सब अलग अलग; केवल कुछ ही आपस में गड्ड मड्ड होती। दक्षिण के लोग एक साथ हैं। महिलायें अलग से पहचान में आती हैं। आदमी लुंगी ऊपर उठा कर आधे सेContinue reading “संगम तट पर अधेड़ महिलायें”
