नजीर मियाँ की खिचड़ी


यह रीता पाण्डेय की अतिथि पोस्ट है। जब पत्नीजी की पोस्ट है तो उसे अतिथि पोस्ट क्या, पारिवारिक पोस्ट कहा जाये! यह उनकी बचपन में हुई धुनाई का बेबाक विवरण है। रीता पाण्डेय ने इसे कागज पर लिखा है। अत: पोस्ट को मैने उतारा है कीबोर्ड पर। आप पोस्ट पढ़ें। आपकी प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करेगा कीContinue reading “नजीर मियाँ की खिचड़ी”

ज्यादा पढ़ने के खतरे(?)!


अभय तिवारी ने एक ताजा पोस्ट पर ठेला है कि उनकी पत्नी तनु उनसे ज्यादा किताबें पढ़ती हैं। यह मुझे भीषण भयोत्पादक लगा। इतना कि एक पोस्ट बन गयी उससे। “डर लगे तो पोस्ट लिख के सिद्धांतानुसार”। मैं अगर दिन भर की सरकारी झिक-झिक के बाद घर आऊं और शाम की चाय की जगह पत्नीजीContinue reading “ज्यादा पढ़ने के खतरे(?)!”

वाणी का पर्स


वाणी मेरी बिटिया है। उसका विवाह दो साल पहले हुआ था। पर वह अभी भी बिल्कुल बच्ची लगती है। उसका ससुराल बोकारो के पास एक कोयले की खदान वाले कस्बे में है। उसके विवाह से पहले हमारा झारखण्ड से परिचय न के बराबर था। पर अब वाणी के झारखण्ड मे रहने के कारण झारखण्ड सेContinue reading “वाणी का पर्स”

Design a site like this with WordPress.com
Get started