स्क्रॉलिंग ब्लॉगरोल – गूगल रीडर से


मैं आपको गूगल रीडर से स्क्रॉल करता ब्लॉगरोल बनाना बताता हूं। ऐसा ब्लॉगरोल मैने अपने ब्लॉग पर लगा रखा है। जिसे देख कर आप में से कुछ लोगों ने उसकी जुगाड़ तकनीक की बात की है।  गूगल रीडर पर आप अपना अकाउण्ट यहां पर जा कर खोल सकते हैं। पेज ऐसा दिखता है। इसके लियेContinue reading “स्क्रॉलिंग ब्लॉगरोल – गूगल रीडर से”

पर्यावरण के मुद्दे ॥ नीलगाय अभी भी है शहर में


टेराग्रीन (Terragreen) पत्रिका का नया अंक » इस वर्ष इण्टरगवर्नमेण्टल पेनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) और अल-गोर को संयुक्त रूप से नोबल शांति पुरस्कार दिये जाने के कारण पर्यावरण का मुद्दा लाइमलाइट में आ गया है।  कल मैने टेराग्रीन (Terragreen) नामक मैगजीन का एक अंक ४० रुपये खर्च कर खरीद लिया। यह पत्रिका श्री आर.केContinue reading “पर्यावरण के मुद्दे ॥ नीलगाय अभी भी है शहर में”

शहर में भी संयुक्त परिवार बहुत हैं


हम सोचते हैं कि ग्रामीण परिवेश से शहर में पलायन करने पर संयुक्त परिवार टूट जाते हैं। निश्चय ही चार-पांच पीढियों वाले कुटुम्ब तो साथ नहीं रह पाते शहर में – जिनमें १०० लोग एक छत के नीचे रहते हों। पर फिर भी परिवार बिल्कुल नाभिकीय (माता-पिता और एक या दो बच्चे) हो गये हों,Continue reading “शहर में भी संयुक्त परिवार बहुत हैं”

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