व्योमकेश शास्त्री और बेनाम ब्लॉगरी


आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी (अपने अधिदैविक रूप में) या उनके वर्तमान उत्तराधिकारी शायद मेरी इस पोस्ट से नाराज न हों पर हिन्दी के वर्तमान विद्वान मुझे अपात्र मान कर क्षुब्ध हो सकते हैं। मैं जब भी बेनाम ब्लॉगरी की सोचता था तो मन में नाम आता था प. व्योमकेश शास्त्री का। प्रारम्भ में धुरविरोधी को मैंContinue reading “व्योमकेश शास्त्री और बेनाम ब्लॉगरी”

फोटो में केप्शन लगाने की तकनीक


अजित (शब्दचौधरी अजित वडनेरकर) ने टिप्पणी कर फोटो में केप्शन लगाने की तकनीक पूछी है। मैने विण्डोज़ लाइवराइटर का प्रयोग किया है। आप उसे इस लिंक पर उपलब्ध लिंक से इंस्टॉल कर सकते हैं। विण्डोज़ लाइवराइटर में टेबल बनाने के ऑप्शन हैं। आप टेबल (Table) के एक रो (Row) 2 कॉलम (Column) या 2 रोContinue reading “फोटो में केप्शन लगाने की तकनीक”

प्रसन्न खानाबदोशों का एक झुण्ड


बीस पुरुष-स्त्रियां-बच्चे। साथ में 5-6 गठरियां। कुछ एल्यूमीनियम के बर्तन और बांस की टोकरी। बस इतना भर। जितने वयस्क उतने बच्चे। करछना (इलाहाबाद के समीप) स्टेशन पर किसी गाड़ी की प्रतीक्षारत थे सभी। ऐसा लगता नहीं कि उनका कोई घर होगा कहीं पर। जो कुछ था, सब साथ था। बहुत वृद्ध साथ नहीं थे। सम्भवतContinue reading “प्रसन्न खानाबदोशों का एक झुण्ड”

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