वर्वर राव, इन्टर्नेट और वैश्वीकरण


वर्वर राव पर एक चिठ्ठा पढ़ा. वर्वर राव (या वारा वारा राव) को मैं पीपुल्स वार ग्रुप के प्रवक्ता के रूप में जानता हूं. सत्तर का दशक होता तो मैं उनका भक्त होता. उस समय जयप्रकाश नारायण में मेरी अगाध श्रद्धा थी. कालान्तर में जेपी को वर्तमान के समाजवादी पार्टी/आरजेडी/जेडी(यू) के वर्तमान नेताओं मे “मॉर्फ”Continue reading “वर्वर राव, इन्टर्नेट और वैश्वीकरण”

पत्थर पर प्रोफाइल


प्रोफाइल तराशने का काम केवल चिठेरे ही करते हों, ऐसा नहीं है. आज सवेरे की सैर के समय एक सवा बिस्से की जमीन पर बने घर के गेट पर लगे पत्थर पर जो लिखा देखा, वह किसी प्रोफाइल से कम नहीं है. अठारह साल में बने अपने ताज महल पर कितनी हसरत से पत्थर लगायाContinue reading “पत्थर पर प्रोफाइल”

टाटा डकैत तो नहीं है


अज़दक जी बहुत बढ़िया लिखते हैं. हमें तो लिखने का एक महीने का अनुभव है, सो उनकी टक्कर का लिखने की कोई गलतफ़हमी नहीं है. लेकिन सोचने में फर्क जरूर है. अपने चिठ्ठे में अजदक ने सिंगूर में टाटा के प्लान्ट के लिये हो रहे जमीन के अधिग्रहण को बदनीयती, धांधली, “जनता का पैसा लुटाContinue reading “टाटा डकैत तो नहीं है”

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