मड़ैयाँ डेयरी का एक चरित्र


साधारण सा आदमी। उसकी सफेद कमीज साफ नहीं है। बांई ओर की जेब फटी है और उसे सिलने के लिये जो धागा उसने या उसकी पत्नी ने इस्तेमाल किया है, वह सफेद नहीं किसी और रंग का है। उसके बाल बेतरतीब हैं…

चिंतपूर्णी – माँ छिन्नमस्ता देवी


“भईया मन डिस्टर्ब हो गया। एक बार फिर मंदिर में गया। बोला – माँ मोबाइल चाहिये था, तो वैसे ही आदेश करतीं। मैं दे ही देता। पर यह तरीका तो ठीक नहीं लगा। भईया पण्डा लोग मेरा यह कहने पर हंस रहे थे। पर मेरे मन में जो था, मैं वही कह रहा था…”

मड़ैयाँ डेयरी का दूध कलेक्शन सेण्टर और लड़कियां


उनके पहनावे में भी बदलाव है। सलवार कुरता की बजाय टॉप और जींस दिखते हैं। दूध सेण्टर पर देने के बाद ये लड़कियां घर पर काम भी करती होंगी और पढ़ाई भी करती होंगी। अनपढ़ जैसी तो नहीं ही हैं।

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