1. लोग पच्चीस-तीस की उम्र में जड़ हो जाते हैं. पर दाह संस्कार के लिये 80-90 की उम्र तक इंतजार करते हैं. बीच का समय टेलीवीजन की शरण में काटते हैं. यह कैसे रोका जा सकता है? लोगों की जीवंत उम्र कैसे बढ़ाई जा सकती है? 2. ऐसा क्यों है कि दुख-दर्द हमें असीमित लगतेContinue reading “मेरी चिंतायें”
Category Archives: आत्मविकास
मण्डन मिश्र के तोते और ज्ञान का पराभव
आदि शंकराचार्य को कर्ममीमांसक मण्डन मिश्र से शास्त्रार्थ करना था जिससे कि काशी के पण्डित उन्हें मान्यता दे दें. वे महिष्मति में मण्डन मिश्र का घर ढ़ूंढ़ रहे थे. राह में एक स्त्री कपड़े धो रही थी. उससे शंकराचार्य ने मण्डन मिश्र के घर का पता पूछा तो उस स्त्री ने एक श्लोक में उत्तरContinue reading “मण्डन मिश्र के तोते और ज्ञान का पराभव”
कछुआ और खरगोश की कथा – नये प्रसंग
कछुआ और खरगोश की दौड़ की कथा (शायद ईसप की लिखी) हर व्यक्ति के बचपन की कथाओं का महत्वपूर्ण अंग है. यह कथा नये सन्दर्भ में नीचे संलग्न पावरप्वाइण्ट शो की फाइल में उपलब्ध है. इसमें थोड़े–थोड़े फेर बदल के साथ कछुआ और खरगोश 4 बार दौड़ लगाते हैं और चारों बार के सबक अलग–अलगContinue reading “कछुआ और खरगोश की कथा – नये प्रसंग”
