चिठ्ठाजगत के नये फीचर्स का प्रथम प्रयोग – मेरा चिठ्ठाजगत


मैने पहला काम चिठ्ठों को पसन्द करने का किया है। अब तक मेरे द्वारा चिठ्ठाजगत पर पसन्द किये चिठ्ठे शून्य थे। मैं सारा पठन गूगल रीडर के माध्यम से करता था। पर मेरा पसन्दीदा चिठ्ठाजगत का पन्ना मुझे प्रॉमिजिंग लगता है, और बहुत सम्भव है कि हिन्दी चिठ्ठा पठन इसके माध्यम से करने लगूं। मुझेContinue reading “चिठ्ठाजगत के नये फीचर्स का प्रथम प्रयोग – मेरा चिठ्ठाजगत”

’सेक्सी’ में कितना सेक्स है?


शिवकुमार मिश्र मेरी तरह ही हैं – नये जमाने के स्लैंग्स से अपरिचित या असहज। उनके (या सही कहें तो हमारे) ब्लॉग पर उनकी पोस्ट पर हरि ओम जी ने टिप्पणी कर दी – sexy artical……….’ enjoyed n learnt a lot….. और शिव इतना ब्लश किये कि अपने बचाव में दन्न से फ्रॉयड को लेContinue reading “’सेक्सी’ में कितना सेक्स है?”

अतिथि पोस्ट में एक दिन का आराम?(!)


आलोक ९२११ ने ’दांतो की देखभाल – हल्दी का प्रयोग’ पर टिप्पणी की थी – ’चलिए। ज्ञान जी का हफ़्ते में एक दिन तो आराम हो ही गया’। उनका आशय अतिथि पोस्ट में काम का बोझ अतिथि पर शिफ्ट होने से था। मैं उस आराम पर लिखना चाहता हूं। पंकज जी ने अगले सप्ताह कीContinue reading “अतिथि पोस्ट में एक दिन का आराम?(!)”

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