कमेण्ट मॉडरेशन बड़ी वाहियात चीज है। अगर आप अपने पाठकों से जुड़ाव महसूस करते हैं तो यह आपको इण्टरनेट और कम्प्यूटर से दूर नहीं जाने देती। तो फिर मेरे जैसा आदमी, जो टिप्पणी मॉडरेशन के खिलाफ लिख चुका था, मॉडरेशन को क्यों बाध्य हुआ? इस बारे में चर्चा होनी चाहिये कि सुस्पष्ट व्यक्तिगत टिप्पणी नीतिContinue reading “टिप्पणी नीति – कुछ यूंही विचार”
Category Archives: ब्लॉगरी
मित्रों, आप तो मेरा पर्सोना ही बदल दे रहे हैं!
किसी भी जन्म दिन पर नहीं हुआ कि मुझे इतने एकोलेड्स (accolades – प्रशस्तियाँ?) मिले हों। सुकुल ने तो इतना कहा कि जितना मेरे किसी जगह के फेयरवेल में भी नहीं कहा गया। सभी कुछ सुपरलेटिव! उसके बाद तो आप सब ने इतना चढ़ाया कि मुझे अपने पर्सोना (persona – व्यक्ति का सामाजिक पक्ष) मेंContinue reading “मित्रों, आप तो मेरा पर्सोना ही बदल दे रहे हैं!”
तनाव की बोगी तो चलाओ मत जी!
तनाव में कौन काम नहीं करता। ब्लॉगरी में एक बिरादरी है। सुपीरियॉरिटी कॉम्पेक्स से लबालब। जनता का ओपीनियन बनाने और जनता को आगाह करने का महत्वपूर्ण काम ये करते हैं तो जाहिर है कुछ भगवा तत्व (या नॉन भगवा भी) इनको कॉर्नर कर लेते हैं। कॉर्नर होने से बचने में पहले तो ये गुर्राते रहतेContinue reading “तनाव की बोगी तो चलाओ मत जी!”
