दीपक पटेल जी कौन हैं – पता नहीं। मेरी राजभाषा बैठक के दौरान इधर उधर की वाली पोस्ट में बापू के लिखे के अनुवाद पर उनकी रोमनागरी में हिन्दी टिप्पणियां हैं। कोई लिंक नहीं है जिससे उनका प्रोफाइल जाना जा सकता। पर उन्होनें जो टिप्पणियों में लिखा है; उसके मुताबिक वे बहुत प्रिय पात्र लगतेContinue reading “दीपक पटेल जी की सोच”
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शिवकुमार मिश्र का ब्लॉग
भाई गुड़ रहा, छोटा भाई शक्कर हो गया। वह भी जमाना था कि शिवकुमार मिश्र को ब्लॉगरी की दुनियां में ठेलियाने के लिये मैने बहुत जतन किया। पहले पहल वे मेरे ब्लॉग पर रोमनागरी में टिप्पणी किया करते थे। फिर मैने उन्हे लिखने को प्रेरित करने के लिये एक ज्वाइण्ट ब्लॉग बनाया – शिवकुमार मिश्रContinue reading “शिवकुमार मिश्र का ब्लॉग”
होली का घोड़ा
कपड़े का घोड़ा। लाल चूनर की कलगी। काला रंग। भूसा, लुगदी या कपड़े का भरा हुआ। मेला से ले कर आया होगा कोई बच्चा। काफी समय तक उसका मनोरंजन किया होगा घोड़े ने। अन्तत: बदरंग होता हुआ जगह जगह से फटा होगा। बच्चे का उसके प्रति आकर्षण समाप्त हो गया होगा। घर में कोने परContinue reading “होली का घोड़ा”
