क्वैकायुर्वेद


कठवैद्यों की कमी नहीं है आर्यावर्त में। अंगरेजी में कहें तो क्वैक (quack – नीम हकीम)। हिमालयी जड़ीबूटी वालों के सड़क के किनारे तम्बू और पास में बंधा एक जर्मन शेफर्ड कुकुर बहुधा दीख जाते हैं। शिलाजीत और सांण्डे का तेल बेचते अजीबोगरीब पोशाक में लोग जो न आदिवासी लगते हैं, न आधुनिक, भी शहरीContinue reading “क्वैकायुर्वेद”

स्वात : आतिश-ए-दोज़ख


गर आतिश-ए-दोज़ख बर रू-ए-जमीं अस्त। हमीं अस्तो हमीं अस्तो हमीं अस्त!   स्वात घाटी का नक्शा और चित्र, गूगल अर्थ से। फोटो लॉस एंजेलेस टाइम्स से। यह पूरी पोस्ट चुरातत्वीय है। मेरा योगदान केवल भावना अभिव्यक्ति का है। आतिश-ए-दोज़ख से (मैं समझता हूं) अर्थ होता है नर्क की आग। बाकी मीन-मेख-मतलब आप निकालें।   

सरकारी नौकरी महात्म्य


नव संवत्सर प्रारम्भ हो चुका है। नवरात्र-व्रत-पूजन चल रहा है। देवी उपासना दर्शन पूजा का समय है। ज्ञान भी तरह तरह के चिन्तन में लगे हैं – मूल तत्व, म्यूल तत्व जैसा कुछ अजीब चिन्तन। पारस पत्थर तलाश रहे हैं। श्रीमती रीता पाण्डेय की पोस्ट। एक निम्न-मध्यवर्गीय यूपोरियन (उत्तरप्रदेशीय) माहौल में सरकारी नौकरी का महत्व,Continue reading “सरकारी नौकरी महात्म्य”

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