यह ब्लडी पसन्दगी की जरूरत


अजीब बात है; पोस्ट लिखने पर वाह-वाह की टिप्पणियों की चाह चाह नहीं जरूरत बन गयी है और कब बनी, पता न चला। चाह और जरूरत में अंतर है। यह दुष्ट सेल्फ-अप्रूवल सीकिंग मन सड़ल्ला है। बड़ी जल्दी कमजोर बन जाता है। चाह को जरूरत (want को need) में बदल देता है। हमारे नेताओं में;Continue reading “यह ब्लडी पसन्दगी की जरूरत”

तिब्बत : कुछ खास नहीं दिखता हिन्दी ब्लॉगजगत में


मेरी गली में छोटा पिल्ला है। इसी सर्दियों की पैदाइश। जाने कैसे खुजली का रोग हो गया है। बाल झड़ते जा रहे हैं। अपने पिछले पंजों से खुजली करता रहता है। मरगिल्ला है। भरतलाल ने उसे एक दया कर एक डबल रोटी का टुकड़ा दे दिया। मैने देखा कि खुजली से वह इतना परेशान थाContinue reading “तिब्बत : कुछ खास नहीं दिखता हिन्दी ब्लॉगजगत में”

ब्लॉगस्पॉट में पोस्ट शिड्यूलिंग की समस्या हल हुई


कुछ समय पहले (15 फरवरी को)“ब्लॉगर इन ड्राफ्ट” ने सुविधा दी थी कि आप वर्ड प्रेस की तरह अपनी पोस्टें शिड्यूल कर ड्राफ्ट में डाल सकते हैं और वे नियत समय पर पब्लिश हो जायेंगी। उस समाचार को हम सब ने बहुत हर्ष के साथ लिया था। पर जल्दी ही पाया कि पोस्ट नियत समयContinue reading “ब्लॉगस्पॉट में पोस्ट शिड्यूलिंग की समस्या हल हुई”

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