हैरीपॉटरीय ब्लॉग की चाहत


मैने हैरी पॉटर नहीं पढ़ा। मुझे बताया गया कि वह चन्द्रकांता संतति या भूतनाथ जैसी तिलस्मी रचना है। चन्द्रकांता संतति को पढ़ने के लिये उस समय की बनारस की अंग्रेज मेमों ने हिन्दी सीखी थी। नो वण्डर कि हैरी पॉटर पर इतनी हांव-हांव होती है।पर अब अगर हैरी पॉटर नुमा कुछ पढ़ना चाहूंगा तो ब्लॉगContinue reading “हैरीपॉटरीय ब्लॉग की चाहत”

दीपक पटेल जी की सोच


दीपक पटेल जी कौन हैं – पता नहीं। मेरी राजभाषा बैठक के दौरान इधर उधर की वाली पोस्ट में बापू के लिखे के अनुवाद पर उनकी रोमनागरी में हिन्दी टिप्पणियां हैं। कोई लिंक नहीं है जिससे उनका प्रोफाइल जाना जा सकता। पर उन्होनें जो टिप्पणियों में लिखा है; उसके मुताबिक वे बहुत प्रिय पात्र लगतेContinue reading “दीपक पटेल जी की सोच”

शिवकुमार मिश्र का ब्लॉग


भाई गुड़ रहा, छोटा भाई शक्कर हो गया। वह भी जमाना था कि शिवकुमार मिश्र को ब्लॉगरी की दुनियां में ठेलियाने के लिये मैने बहुत जतन किया। पहले पहल वे मेरे ब्लॉग पर रोमनागरी में टिप्पणी किया करते थे। फिर मैने उन्हे लिखने को प्रेरित करने के लिये एक ज्वाइण्ट ब्लॉग बनाया – शिवकुमार मिश्रContinue reading “शिवकुमार मिश्र का ब्लॉग”

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