भीष्म का अभिशाप यह था कि उन्होने जिस कलह से कुल को बचाने के लिये अपने सुखों की बलि देते हुये भीष्म प्रतिज्ञा ली, उसी कुल के संहार महाभारत के प्रथम सेनानायक बने। जिस कुल की कलह कम करने के लिये अपना मुँह नहीं खोले, उसी कुल का पूर्ण विनाश युद्धक्षेत्र में लेटे हुये देखे।Continue reading “भीष्म उठ निर्णय सुनाओ”
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पिज्जा, खिलौना, विकल्प और मानव जीवन
यह प्रवीण पाण्डेय की बुधवासरीय अतिथि पोस्ट है। एक सामान्य घरेलू स्थिति से दर्शन में कैसे उतरा जाता है, वह प्रवीण से सीखने योग्य है: बच्चों की परीक्षायें समाप्त हुयीं और घर के वातावरण का उत्सवीकरण हो गया। अब युद्धक्षेत्र से लौटे विजयी (लगता तो है) योद्धाओं को उपहार चाहिये। निश्चय हुआ कि पहले वसुधैवContinue reading “पिज्जा, खिलौना, विकल्प और मानव जीवन”
ईर्ष्या करो, विनाश पाओ!
महाभारत के तीन कारण बताये जाते हैं। शान्तनु का काम, दुर्योधन की ईर्ष्या और द्रौपदी का क्रोध। शान्तनु का काम भीष्म-प्रतिज्ञा का कारण बना। दुर्योधन की ईर्ष्या पाण्डवों को 5 गाँव भी न दे सकी। द्रौपदी का क्रोध विनाश पत्र के ऊपर अन्तिम हस्ताक्षर था। यह प्रवीण पाण्डेय की बुधवासरीय अतिथि पोस्ट है। "गुरुचरण दासContinue reading “ईर्ष्या करो, विनाश पाओ!”
