वर्षा – ग्रेजुयेट चायवाली


मेरे पास और रुक कर वर्षा से बातचीत करने का अवसर नहीं था। अन्यथा बहुत से प्रश्न मन में थे। पति क्या करते हैं? बच्चे कितने बड़े हो गये हैं। घर का रहन सहन, स्तर कैसा है। आदतें मध्यवर्गीय हैं या वर्किंग क्लास की?…

जैप्रकाश – नरम गरम काम मिल ही जाता है।


काम करने वाले को रोज काम मिल रहा है। अब कोई जांगरचोर हो तो काम अपने से उसके पास तो आयेगा नहीं। गांव में भी काम मिलता है और बनारस में भी।

बहनोई, खबर सगरों दौड़ाइ दिहे!


ढूंढ़ी खांटी समाजवादी हैं। पर अब मध्यप्रदेश में भाजपा ने ने एक यादव को मुख्यमंत्री बना कर सेंधमारी की है; उससे उनका मन कुछ भाजपाई हुआ हो शायद। छोटी से मुलाकात में वह पूछ नहीं पाया। फिर कभी पूछूंगा!

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