अमरीकी हाथ गन्दे होते जा रहे हैं


यह न्यूक्लियर डील, आतंकवाद, केपिटलिस्ट दादागिरी या इसी तरह के अमेरिका विरोधी मुद्दे से सम्बन्धित कोई पोस्ट नहीं है. यह विशुद्ध हाइजीन का मामला है. आप के हाथ गन्दे रहते हैं? भोजन के बाद आप हाथ नहीं धोते? टॉयलेट के बाद नहीं धोते? शर्माने की बात नहीं – 23% अमेरिकी भी नहीं करते. अब इतनाContinue reading “अमरीकी हाथ गन्दे होते जा रहे हैं”

ब्रॉडबैण्ड/ कापासिटी, नेहरू और उनकी काबीना के मंत्री


आज मेरे यहां ब्रॉडबैण्ड कनेक्शन नहीं आ रहा है. मेरे पास दो लैण्ड लाइन फ़ोन हैं और दोनो पर इण्टरनेट सुविधा है. इसके अतिरिक्त बीएसएनएल की मोबाइल सुविधा पर जीपीआरएस के जरीये भी इण्टरनेट मिल जाता है. आजभोर वेला से ये तीनों नहीं काम कर रहे. अभी शाम के समय यह इण्टरनेट धीरे-धीरे प्रारम्भ हुआContinue reading “ब्रॉडबैण्ड/ कापासिटी, नेहरू और उनकी काबीना के मंत्री”

वाह, अजय शंकर पाण्डे!


गाजियाबाद म्यूनिसिपल कर्पोरेशन ने उत्कोच को नियम बद्ध कर म्युनिसिपालिटी का आमदनी बढ़ाने का जरीया बना दिया है. यह आज के टाइम्स ऑफ इण्डिया में छपा है. टाइम्स ऑफ इण्डिया मेरे घर आता नहीं. आज गलती से आ गया. पर यह समाचार पढ़ कर अजीब भी लगा, प्रसन्नता भी हुई और भ्रष्टाचार खतम करने कीContinue reading “वाह, अजय शंकर पाण्डे!”

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