पीछे कांधे पर लेने वाला यह पिट्ठू बैग और एक दहिमन की लकड़ी की डण्डी – यही उनका सामान है। कपड़े न्यूनतम हैं। अपनी पोटली में उन्होने सोठउरा, तिल, गुड़ और गोंद का लड्डू और कुछ सूखे मेवे रखे थे। वह मुझे दिखाये भी और चखाये भी।
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
पीछे कांधे पर लेने वाला यह पिट्ठू बैग और एक दहिमन की लकड़ी की डण्डी – यही उनका सामान है। कपड़े न्यूनतम हैं। अपनी पोटली में उन्होने सोठउरा, तिल, गुड़ और गोंद का लड्डू और कुछ सूखे मेवे रखे थे। वह मुझे दिखाये भी और चखाये भी।