कैस्टर और मस्टर्ड


मस्टर्ड (सरसों) उन छात्रों को कहा जाता था, जो हिंदी माध्यम से पढ़े, छोटे शहरों या कस्बों के होते थे। उनकी पृष्ठभूमि निम्न मध्यवर्ग की होती थी। अंग्रेजी में बोलना उन्हें नहीं आता था।…लड़कियों से बोलने बतियाने की कोई आदत नहीं थी। मैं मस्टर्ड था।