चोरल के जंगल में बघेरे तो बहुत हैं। हर दूसरे तीसरे दिन खबर आती है कि आसपास के गांवों में किसी की गाय मार गया या किसी की बकरी उठा ले गया। … लोग भी हैं, गांव भी हैं, पालतू जानवर भी हैं और बघेरे भी। सब सामान्य चलता है।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
चोरल के जंगल में बघेरे तो बहुत हैं। हर दूसरे तीसरे दिन खबर आती है कि आसपास के गांवों में किसी की गाय मार गया या किसी की बकरी उठा ले गया। … लोग भी हैं, गांव भी हैं, पालतू जानवर भी हैं और बघेरे भी। सब सामान्य चलता है।