नदी-नहर-खेत-खलिहान के ढेरों चित्रों की बजाय पगडण्डी का वह साधारण सा चित्र मुझे भा गया जो प्रेमसागर ने राह चलते क्लिक किया था। पगडण्डी सही में घुमक्कड़ी है। मेरा बस चले तो प्रेमसागर दूरी न नापें। यात्रा-आनंद तलाशें।
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
नदी-नहर-खेत-खलिहान के ढेरों चित्रों की बजाय पगडण्डी का वह साधारण सा चित्र मुझे भा गया जो प्रेमसागर ने राह चलते क्लिक किया था। पगडण्डी सही में घुमक्कड़ी है। मेरा बस चले तो प्रेमसागर दूरी न नापें। यात्रा-आनंद तलाशें।