शिवकुटी घाट पर अमौसा के दिन


गंगा किनारे फिसलन थी। उन महिलाओं को उसी का भय था। मैंने (बबिता ने) उन्हें कहा कि अगर आपको आपत्ति न हो तो मैं गंगाजी को आपके फूल चढ़ा सकती हूं।